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संसद भवन बनाने के लिये सात कंपनियों ने पात्रता पूर्व बोलियां (प्री क्वालिफिकेशन बीडिंग) जमा की हैं. यह केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के रिकार्ड से पता चला है.
नई दिल्ली. नए संसद भवन (New Parliament Of India) बनाने के लिये उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड समेत सात कंपनियों ने पात्रता पूर्व बोलियां (प्री क्वालिफिकेशन बीडिंग) जमा की हैं. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के रिकार्ड से यह पता चला है. सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कहा कि पात्रता पूर्व बोलियां मंगलवार दोपहर खोली गयी. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के ऑनलाइन निविदा पोर्टल के अनुसार कुल सात कंपनियों ने पात्रता पूर्व बोलियां जमा की हैं. इसमें टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड, लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड, आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया लिमिटेड, एनसीसी लिमिटेड, शपूरजी पलोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड और पीएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड शामिल है.
एजेंसी के पात्रता पूर्व बोली आमंत्रित करने वाले नोटिस में कहा गया है कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत मौजूदा संसद भवन के पास नई इमारत बनायी जाएगी. इसके 21 महीने में पूरा होने का अनुमान है और इस 889 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित है. केंद्र सरकार की प्रमुख निर्माण एजेंसी सीपीडब्ल्यूडी ने कहा कि नई इमारत का निर्माण ‘पार्लियामेंट हाउस एस्टेट’ की भूखंड संख्या 118 पर होगा.
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?
नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के अधिक से अधिक सांसदों के बैठने और संसद के सदस्यों के लिए कार्यालय, कोर्टयार्ड, भोजन की सुविधा और सांसदों के लिए एक लाउंज होगा. इसका निर्माण कार्य संसद के शीतकालीन सत्र के खत्म होने के बाद शुरू होने की संभावना है. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक खबर के अनुसार 'पिछले साल सेंट्रल विस्टा के रीडिजाइन के लिए बोली जीतने वाली आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बिमल पटेल ने कहा कि 'निर्माण कार्य संसद के शीतकालीन सत्र के बाद शुरू होगा. इसके साल 2022 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है.''
बिडिंग डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि 'प्रस्तावित कार्य बहुत प्रतिष्ठित है और गुणवत्ता और कारीगरी के उच्चतम मानकों के साथ 21 महीने की निर्धारित समय सीमा के भीतर इसे सख्ती से पूरा करने की आवश्यकता है.' दस्तावेज में कहा गया है 'प्रस्तावित संसद भवन रीइन्फॉर्स्ट सीमेंट कंक्रीट फ्रेम्ड स्ट्रक्टर बिल्डिंग होगी. बिल्डिंग की प्लिन्थ मौजूदा इमारत के मैदान के बराबर होगी जो ग्राउंड लेवल से लगभग 1.8 मीटर ऊपर है.'
डॉक्यूमेंट में यह भी कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए 50% श्रमिक कुशल होंगे जो पत्थर की चिनाई, नक्काशी, फ्रेस्को, फर्नीचर और पर्याप्त स्वास्थ्य और सुरक्षा उपायों के साथ काम करेंगे.
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