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तीन तलाक को खत्म करना भारतीय जनता पार्टी के चुनावी एजेंडे में था. पिछले साल पास किए गए तीन तलाक बिल को एक साल हो रहा है और बीजेपी जश्न मनाने की तैयारी में है.
- तीन तलाक के खात्मे को एक साल पूरा
- सरकार की ओर से मनाया जाएगा जश्न
- महिला कॉन्फ्रेंसिंग को संबोधित करेंगे मंत्री
अगस्त महीने का पहला हफ्ता केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है. राम मंदिर की नींव रखी जानी है, अनुच्छेद 370 को हटे एक साल हो रहा है और साथ ही तीन तलाक बिल पास हुए भी एक साल हो रहा है. इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस मौके पर जश्न की तैयारी है. अब 31 जुलाई को अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से इस दिन को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. सरकार का दावा है कि पिछले एक साल में तीन तलाक के मामलों में सत्तर फीसदी तक की गिरावट आई है.
पिछले साल एक अगस्त की तारीख को तीन तलाक बिल लाया गया और तीन तलाक को गैर-कानूनी करार दे दिया गया. इस साल एक अगस्त को ईद है इसलिए सरकार और भाजपा की ओर से एक दिन पहले ही जश्न मनाया जा रहा है. सरकार द्वारा जो एक्ट पास किया गया था उसके मुताबिक, कोई भी मुस्लिम व्यक्ति अपनी पत्नी को बोलकर-लिखकर या किसी अन्य माध्यम से तीन तलाक नहीं दे सकता है.
शुक्रवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी एक वीडियो कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे. जिसमें तीन तलाक के बिल पर बात की जाएगी और बताया जाएगा कि किस तरह इस कानून से मुस्लिम महिलाओं को लाभ मिला है. इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में महिलाएं इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगी
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी अपने स्तर पर सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाएगी, जिसे #ThanksModiBhaijaan नाम दिया गया है. इस कैंपेन के तहत मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक बिल के बारे में अपनी बातें सोशल मीडिया पर रखेंगी. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर लिखा कि एक साल पहले मोदी सरकार ने एक ऐसी प्रथा को खत्म किया, जिसने महिलाओं पर अत्याचार किया.
पिछले एक साल का ये रहा रिकॉर्ड
बीजेपी की ओर से इसके साथ ही 28 जुलाई से लेकर 3 अगस्त तक महिला मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा के कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. जिनमें सौ महिला मुस्लिम बुद्धिजीवियों से भी संपर्क साधा जा रहा है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के भाषणों का प्रचार किया जा रहा है.
सरकार की ओर से जो आंकड़े साझा किए गए हैं, उनके मुताबिक पिछले एक साल में तीन तलाक के मामलों में ऐतिहासिक गिरावट आई है. यूपी में जहां औसतन हर साल 1864 मामले आते थे वहीं पिछले एक साल में सिर्फ 281 मामले दर्ज किए गए हैं. यूपी के अलावा भी अन्य कई राज्यों में भारी गिरावट देखने को मिली है.
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