वाराणसी: मिट्टी की हांडी ही नहीं, अब मिट्टी की बोतल, प्रेशर कुकर, केतली और फ्रिज भी


प्राचीन उत्पादों को फिर से बाजार का अहम हिस्सा बना दिया है। वे उत्पाद नए कलेवर के साथ बाजार में आए हैं। अब तक मिट्टी के कलश, घड़े और हांडी ही उपयोग में आती रही है, अब मिट्टी की बोतलें, प्रेशर कुकर, प्लेट, कटोरी-चम्मच, केतली के साथ मिट्टी की फ्रिज भी इस्तेमाल के लिए मौजूद हैं। इनके जरिए घरेलू जीवन में बहुत हद तक ईको फ्रेंडली हुआ जा सकता है।

चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल में लगे गांधी शिल्प बाजार में मिट्टी के बर्तन आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मिट्टी की बोतलों को आसानी से प्लास्टिक बोतलों की तरह ले जाया जा सकता है। इन मोटी बोतलों के जल्द टूटने की संभावना नहीं है। इसके अलावा मिट्टी की फ्रिज ग्राहकों को लुभा रही है जो बिना बिजली के चलती है। इसमें पानी भरना होता है। इससे पूरी फ्रिज ठंडी हो जाती है। मिट्टी के फिल्टर में एक बार में दस लीटर पानी भरा जा सकता है। विक्रेता शरद का दावा है कि मिट्टी की फ्रिज में सब्जी सात दिन, दूध-दही 24 घंटे तक खराब नहीं होती। इसमें हर 48 घंटे में पानी बदलना होता है। 

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