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माता अमृतानंदमयी ने अपने वीडियो ट्वीट में कहा है कि, “पुराणों में, श्रीकृष्ण की कथा आती है जिसमें वो सात दिनों की आंधी और तूफानी वर्षा के समय गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी ऊंगली पर उठाकर सब गोप-गोपियों की रक्षा करते हैं। ईश्वर का वरद-हस्त प्रधानमंत्री जी के सिर पर रहे ताकि वो इसी प्रकार सबकी रक्षा करने में सक्षम रहें।”
माता अमृतानंदमयी ने कहा कि, “आज हमारे देश पर बाहर से, पड़ोसी देशों की तरफ से तो युद्ध का खतरा मंडरा ही रहा है, साथ ही महामारी के चलते देश के अंदर भी खटपट का माहौल बना हुआ है जिसके चलते लोग आर्थिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से कमजोर पड़ गए हैं। ऐसी परिस्थितियों में ईश्वर की कृपा प्रधानमंत्री जी को सही निर्णय लेने, देश की रक्षा करने और दूसरों के प्रति कारुण्य भाव के साथ आगे बढ़ने की शक्ति एवं आशीष प्रदान करें।”
उन्होंने कहा कि, “यह रक्षाबंधन, हमारे प्रधानमंत्री जी को सुरक्षा प्रदान करें, ताकि उनके माध्यम से सभी देशवासियों की रक्षा-सुरक्षा सुनिश्चित रह सके। हालांकि वो पहले से ही प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं। परमात्मा उन्हें राष्ट्रहित में इससे भी अधिक कार्य करने का आशीष व शक्ति प्रदान करें।”
गौरतलब है कि इससे पहले माता अमृतानंदमयी के मठ ने कोरोना वायरस का सामना व रोकथाम करने की दिशा में सहायता हेतु व वायरस द्वारा शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से प्रभावित लोगों को राहत पहुँचाने के लिए तेरह करोड़ रुपयों (1.7 मिलियन यू एस डॉलर्स) दानराशि देने की घोषणा की थी। इसके अलावा, कोच्चि स्थित अमृता इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (अमृता हॉस्पिटल) COVID-19 के रोगियों का मुफ़्त उपचार भी उपलब्ध कराए जाने की घोषणा की थी। इस दान राशि में दस करोड़ रूपये केंद्रीय सरकार के PM CARES कोष को और तीन करोड़ रुपये केरल राज्य-सरकार के मुख्यमंत्री-आपदा-राहत-कोष को दिए जाने की घोषणा की थी।
बता दें कि माता अमृतानंदमयी केरल की एक संत हैं, उनका काफी नाम है, एक साधारण परिवार से आती हैं। बचपन में अपने घर के खाने पीने की चीज़ें जुटा कर दूसरों को दे देती थीं। धीरे धीरे नाम बढ़ा और उनके फॉलोवर्स बढ़ गए। इनके नाम पर एक मठ भी है, जिसकी हेड वो खुद हैं।
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